कांग्रेस सांसद धीरज साहू के ठिकानों से करोड़ों की बरामदगी पर एक्शन: JPCC से मांगी रिपोर्ट
कांग्रेस सांसद धीरज साहू के संपत्ति ठिकानों से हुई करोड़ों की बरामदगी के मामले में राजस्थान के प्रदेश कांग्रेस कमेटी (JPCC) ने एक्शन की शुरुआत करते हुए रिपोर्ट मांगी है। धीरज साहू पर आलाकमान में हो रही जांच के बाद, पार्टी ने संपत्ति की अवैध बरामदगी की आंकड़ों को आगे बढ़ाने का मामूला फैसला किया है। इस मामले में प्रमुख पार्टियों के बीच सियासी घमासान की संभावना है।
धीरज प्रसाद साहू के IT रेड: कांग्रेस हरकत में, BJP द्वारा भ्रष्टाचार का आरोप
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू के ठिकानों से 300 करोड़ रुपये से ज्यादा कैश बरामद किया है। इस मामले में कांग्रेस ने आलाकमान से जांच की गई बरामदगी के मामले में अपने नेता धीरज साहू की रिपोर्ट मांगी है। सूत्रों के मुताबिक, इसके परिणामस्वरूप कांग्रेस हरकत में आ गई है और यह मामला सियासी घमासान की संभावना को बढ़ा रहा है।
इसके साथ ही, इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनकी पार्टी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उनके अनुसार, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा वास्तव में भ्रष्टाचार के आरोपी चोरों को जोड़ने की यात्रा थी, और कांग्रेस भ्रष्टाचार की दुकान है। यह बयान व्यापक चर्चा को उत्तेजित कर रहा है और सियासी दलों के बीच नए रंग भर सकता है।
करोड़ों का खजाना: धीरज साहू के ठिकानों से निकला सुपरमास्टरिओ कैश
आयकर विभाग ने कांग्रेस सांसद धीरज प्रसाद साहू के ठिकानों से निकले करोड़ों रुपये के विमुक्त नोटों को लेकर सुपरमास्टरिओ कैश का खजाना खोला है। छापेमारी के दौरान विभाग ने वीडियो के माध्यम से यह सुनिश्चित किया है कि इन पैसों का कोई आधिकारिक हिसाब-किताब नहीं हुआ है। इस खुलासे से पहले भी आईटी विभाग ने साहू के ओडिशा और झारखंड स्थित ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें अलमारी में करोड़ों रुपये मिले थे। विभाग अब तीन दिनों से इन नोटों की गिनती कर रहा है।
कांग्रेस नेता की कंपनियों पर भी छापेमारी की गई है। आयकर विभाग ने कांग्रेस सांसद धीरज साहू से जुड़ी कंपनियों, बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड और बलदेव साहू इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड, पर भी छापेमारी की है। इन कंपनियों के संबंध में कांग्रेस सांसद धीरज साहू का नाम आता है। इस तरह की आयकर छापेमारी से सियासी स्तर पर घमासान होने की संभावना है और यह समाज में उत्तरदाता पार्टियों के बीच नए रंग भर सकता है।