“धरोहर का रक्षक: गुरु तेग़ बहादुर की कहानी जो ओरंगज़ेब के सामने नहीं झुके”
“धरोहर का रक्षक: गुरु तेग़ बहादुर की कहानी जो ओरंगज़ेब के सामने नहीं झुके” 11 अगस्त 1664: सिखों का एक जत्था बकाला पहुंचा 17वीं सदी के मध्य, दिल्ली से पंजाब के गाँव बकाला में एक अद्वितीय घटना हुई थी. इस घटना के माध्यम से एक महान योद्धा और धर्म गुरु, गुरु तेग बहादुर, ने अपने…
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